Case Study – Zama
Zama is a first-generation learner from a marginalized household in Nuh, rural Haryana. She goes to school without any breaks to achieve her dream of
दीप्ती मैम का सतत प्रयास
दिल्ली शहर में जन्मी दीप्ती मैम पिछले 6 वर्ष से हॉस्टल वार्डन के पद पर के जी बी वी – नूंह में कार्यरत है| उन्हें
वंचित बच्चों की शिक्षा और तकनीकी का प्रयोग: IVRS के रूप में एक बेहतर विकल्प
हबीबा और हसीबा अपने परिवार में पहली लड़कियां हैं जो स्कूल में पढ़ रही हैं। हबीबा कस्तूरबा गांधी विद्यालय नूह में कक्षा 9 में पढ़ती
महामारी के बीच वंचित किशोरियों की शिक्षा
हबीबा और हसीबा अपने परिवार में पहली लड़कियां हैं जो स्कूल में पढ़ रही हैं। हबीबा कस्तूरबा गांधी विद्यालय नूह में कक्षा 9 में पढ़ती
मस्ती की पाठशाला : दिव्या की जुबानी
(दिव्या, कक्षा 10, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय – नूंह, हरियाणा) हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद् और स्वतालीम फाऊंडेशन के साझा प्रयास ‘सहेली की उड़ान’ के
Continued Education of Underprivileged Girls Using Technology: A Better Option in the Form of Interactive Voice Response System (IVRS)
Habiba and Hasiba are first generation school students. Habiba studies in class 9 and Hasiba in class 12. Both studied at Kasturba Gandhi Vidyalaya Nuh. Several
शिक्षक पेशेवर विकास व्यक्तिगत चुनौतियों के बीच कुछ कर गुज़रने की चाह
ज़ेबा जी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय पुनहाना में उर्दू पढ़ाती हैं। मूलतः आगरा की रहने वाली ज़ेबा जी पिछले 11 वर्षों से केजीबीवी में कार्यरत
Parent Program
मेवात गुडगाँव से 40 किलो मीटर की दुरी पर एक जिला है | यहाँ पर ज्यादा तर लोग खेती बड़ी पर निर्भर है क्यूँ के