मेवात, 27 और 28 फरवरी , 2019
मेवात जिले के नूँह ब्लाक के कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय में ५० शिक्षक-शिक्षिकाओ के लिए २ दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिस में कस्तूरबा गाँधी विद्यालय के टीचर्स , विशेष शिक्षक , और अन्य सरकारी टीचर्स मौजूद थे | मेवात में कार्यशाला के लिए आवश्यकताओं का आकलन के.जी.बी.वी के सभी शिक्षक , शिक्षिका और जिला शिक्षा अधिकारी से बात करके किया गया |
वर्क-शॉप के लिए जिन विषय को चुना गए .
- समावेश – ज़रूरत , अधिकार और स्कूलों में इसके लिए मंच बनाना
- प्रजनन स्वास्थ्य
- लोकोमोटर विकलांगता
- दृष्टि क्षीणता
- मानसिक विकलांगता
- आटिज्म
- सुनने में परेशानी
- अल्प-संख्यक वर्ग को ध्यान में रख कर शिक्षण
यह कार्यशाला प्रोफेसर अनुपम अहूजा और अरुणिमा राजीव के द्वारा संचालित किया गया जो एन सी इ आर टी में कार्यरत है| स्वतालीम ने इसमें अपने भागीदारी विद्यालय में समावेश के मंच बनाने पर सत्र संचालन के द्वारा की| टीचर्स ने अपने फीडबैक फॉर्म में जिन बातो को सराहा, वे हैं :
- समूह में सीखना और अपने सहकर्मी के अनुभवो से सीखना |
- प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में चर्चा पूरे ग्रुप के साथ जिस में पुरुष और महिला दोनों शामिल थे |
- विद्यालय में समावेश के तरीके |
- विशेष अवस्था वाले बच्चों को लेकर संवेदीकरण सिर्फ विशेष शिक्षक/शिक्षिकाओं तक ही सीमित नहीं थी बल्कि और सभी शिक्षक और शिक्षिका इसमें शामिल थे |
सभी टीचर्स ने इस कार्यशाला को बहुत ही सराहा और इसका एक सब से बड़ा कारण यह भी था कि यह कार्यशाला एन.सी.इ.आर.टी दिल्ली में नहीं बल्कि उनके स्कूल में मेवात में ही हुई |
कार्यशाला के दौरान हमारे लिए अपने काम को बेहतर करने के लिए सब से बड़ी सीख यह रही कि कार्यशाला में सुनिश्चित किया जाये कि कंटेंट बहुत ज्यादा नहीं होना चाहिए और समूह का कार्यशाला के बाद भी लगातार इंगेजमेंट रखना ज़रूरी है तभी एक बेहतर परिणाम सामने आता है | यह कार्यशाला एक सामूहिक प्रयास (कस्तूरबा गाँधी विद्यालय के टीचर्स , विशेष शिक्षक ,अन्य सरकारी टीचर्स और प्रशासनिक अधिकारीयों) के द्वारा सफल हो पाई |
आने वाले दिनों में इस तरह के सहयोग से कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय को एक मिसाल बनाने का प्रयास किया जायेगा |